जून 2015 में इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएस-के) का उदय हुआ, जिससे अफगानिस्तान में तालिबान के साथ संघर्ष शुरू हो गया। प्रारंभ में एक विद्रोह, आईएस-के भर्ती को लेकर तालिबान से भिड़ गया। तालिबान ने अफगानिस्तान के इस्लामी संघर्ष में एकमात्र नेतृत्व पर जोर दिया, जिससे तनाव पैदा हुआ। मुल्ला अख्तर मंसूर, जो बाद में तालिबान नेता बने, ने आईएस-के से भर्ती बंद करने की मांग की। 2016 के अमेरिकी हवाई हमले में मंसूर की मौत के बाद प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई। रूस पर आईएस-के का हालिया हमला उसके व्यापक एजेंडे को दर्शाता है। इसके अतिरिक्त, आईएस-के को ईरान से शिकायत है। आईएस-के के जटिल इतिहास और संघर्षों को समझना अस्थिर क्षेत्र में इसके वर्तमान कार्यों और संबंधों पर प्रकाश डालता है।