4 अप्रैल, 2024 को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सदस्य नवनीत कौर राणा के 'मोची' जाति प्रमाणपत्र की वैधता की पुष्टि की। न्यायमूर्ति जेके माहेश्वरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने जून 2021 से बॉम्बे उच्च न्यायालय के पिछले फैसले को रद्द कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय सुश्री राणा की याचिका के जवाब में आया, जिसमें पीठ ने, जिसमें न्यायमूर्ति संजय करोल भी शामिल थे, इस बात पर जोर दिया कि उच्च न्यायालय को सुश्री राणा के जाति प्रमाण पत्र के संबंध में छानबीन समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए था।