भारत और मॉरीशस ने अपने दोहरे कराधान से बचाव समझौते (DTAA) में संशोधन के लिए एक प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके तहत मुख्य उद्देश्य परीक्षण (PPT) शुरू किया गया है। PPT का उद्देश्य वास्तविक वाणिज्यिक कारणों से लेनदेन की जांच करके दुरुपयोग और कर से बचने को रोकना है। 7 मार्च को हस्ताक्षरित यह संशोधन कर चोरी से निपटने के वैश्विक प्रयासों, विशेष रूप से OECD और G20 देशों द्वारा BEPS कार्य योजना 6 के अनुरूप है। मॉरीशस के करदाता अब संधि लाभों का दावा करने के लिए केवल कर निवास प्रमाणपत्र (TRC) पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि भारत में कर अधिकारी अब लेनदेन के पीछे वाणिज्यिक तर्क का आकलन कर सकते हैं।