आंध्र प्रदेश में मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) विरोध प्रदर्शनों के बावजूद वेतन वृद्धि और मातृत्व लाभ सहित सरकार के वादों का इंतजार कर रहे हैं। फरवरी में शुरू हुई बातचीत के नतीजे नहीं निकले हैं, जिससे आशा कार्यकर्ता निराश हैं। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा मानदेय बढ़ाने के वादे जैसे पिछले वादे अभी भी अधूरे हैं। वित्तीय संकट का सामना कर रही आशा कार्यकर्ता तत्काल कार्रवाई की मांग कर रही हैं और मान्यता न मिलने की आलोचना कर रही हैं। निराश होकर कई कार्यकर्ता नौकरी बदलने या चुनाव में कांग्रेस-वाम गठबंधन का समर्थन करने की योजना बना रही हैं। देरी आशा कार्यकर्ताओं के चल रहे संघर्षों को उजागर करती है, जिन्हें स्वास्थ्य सेवा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के बावजूद अक्सर अनदेखा किया जाता है।