भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ऋणदाताओं के लिए निष्पक्ष व्यवहार संहिता पर दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जो तुरंत प्रभावी होंगे, जिसमें भुगतान बैंक शामिल नहीं हैं। इस कदम का उद्देश्य ब्याज वसूलने की प्रथाओं में निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। अनुचित प्रथाओं के उदाहरण सामने आए हैं, जिनमें संवितरण के बजाय ऋण स्वीकृति से ब्याज वसूलना, आंशिक पुनर्भुगतान के बावजूद पूरे महीने के लिए ब्याज वसूलना और पूरी राशि पर ब्याज वसूलते हुए अग्रिम किस्तें वसूलना शामिल है। इन प्रथाओं को ग्राहक निष्पक्षता के साथ असंगत माना जाता है। RBI ने ऋणदाताओं से चेक के बजाय ऑनलाइन हस्तांतरण अपनाने का आग्रह किया है और उन्हें निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए अपने ऋण संवितरण और ब्याज वसूलने की प्रथाओं की समीक्षा करने और उन्हें संशोधित करने का निर्देश दिया है।
आरबीआई ने ब्याज वसूलने पर ऋणदाताओं के लिए निष्पक्ष व्यवहार संहिता पेश की
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