नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में सूचीबद्ध कंपनियों में भारतीय म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी मार्च 2024 तक बढ़कर 8.92% हो गई, जो लगभग 10 बिलियन डॉलर के मजबूत शुद्ध प्रवाह से प्रेरित है। भारत के सबसे बड़े संस्थागत निवेशक LIC ने भी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई, जिससे समग्र बाजार हिस्सेदारी प्रभावित हुई। घरेलू संस्थागत निवेशक (DII) 11 वर्षों में पहली बार विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) से आगे निकलकर 16.05% के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुँच गए। यह बदलाव भारतीय शेयर बाजार में आत्मनिर्भरता की ओर रुझान को दर्शाता है, जिसमें DII तेजी से निवेश पैटर्न को आकार दे रहे हैं।
विदेशी निवेश में गिरावट के बावजूद भारतीय म्यूचुअल फंडों में बढ़त
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