Paytm, Zerodha और PhonePe सहित 128 भारतीय स्टार्ट-अप ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) से इंटरनेट कंपनियों पर लाइसेंसिंग नियम लागू करने से परहेज करने का जोरदार आग्रह किया है। उनका तर्क है कि इस तरह के उपायों से नेट तटस्थता को खतरा है और इस बात पर जोर देते हैं कि इंटरनेट सेवाएं पहले से ही 2000 के आईटी अधिनियम द्वारा शासित हैं। व्हाट्सएप और मैसेंजर जैसी ओवर-द-टॉप (ओटीटी) संचार सेवाओं को विनियमित करने पर बहस दूरसंचार विधेयक 2022 के मसौदे से शुरू हुई थी। दूरसंचार प्रदाता विनियमन की वकालत करते हुए ओटीटी संस्थाओं को नेटवर्क उपयोग शुल्क साझा करने का सुझाव देते हैं। हालाँकि, इंटरनेट कंपनियों का दावा है कि यह भारत की स्टार्टअप इंडिया पहल के खिलाफ है और इससे भेदभाव और अनुपालन संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं, जिससे निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा कमजोर हो सकती है।