'भारत का धान का कटोरा' कहे जाने वाले आंध्र प्रदेश में किसानों को पानी की कमी के कारण संकट का सामना करना पड़ रहा है। सिंचाई की जीवनरेखा कृष्णा नदी तेलंगाना के साथ विवाद के केंद्र में है। जैसे ही मामला कृष्णा जल विवाद न्यायाधिकरण में जाता है, सिंचाई के बिना लगभग 30 लाख एकड़ जमीन को लेकर चिंताएं बढ़ जाती हैं। किसानों को संभावित फसल नुकसान और आर्थिक कठिनाई का डर है। इस विवाद में पोलावरम जल का आवंटन और पलामुरू-रंगारेड्डी परियोजना पर चिंताएं शामिल हैं। देरी से पानी छोड़ने और बेमौसम मौसम की आशंकाओं ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया है। इसके परिणाम से हाल के वर्षों में हुई कृषि प्रगति पर पानी फिर सकता है।
आंध्र प्रदेश का कृषि संकट: जल बंटवारा विवाद पर अनिश्चितता मंडरा रही है
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