क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने अगले दो वित्तीय वर्षों (2024 और 2025) में मध्यम और छोटी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए ऋण वित्तपोषण 2.2 ट्रिलियन रुपये तक पहुंचने का अनुमान लगाया है। इस पूर्वानुमान का श्रेय उच्च विकास उम्मीदों और अधिकांश संस्थाओं द्वारा सीमित धन उगाही को दिया जाता है। आईसीआरए को उम्मीद है कि इस अवधि के दौरान उद्योग की प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) 25-30% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ेगी। छोटी एनबीएफसी की उधार प्रोफ़ाइल में वर्तमान में लगभग 60% बैंक ऋण और अन्य वित्तीय संस्थानों से ऋण शामिल है, शेष 40% अन्य स्रोतों से है। अनुमान इन संस्थाओं के लिए सह-उधार, प्रतिभूतिकरण और पूंजी निवेश के महत्व पर भी प्रकाश डालते हैं।