कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के पास भविष्य निधि जमा पर निजी क्षेत्र की चूक पिछले पांच वर्षों में लगभग 10% बढ़ गई है, जिसके परिणामस्वरूप 2022-23 में बकाया 15,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। ईपीएफओ की मसौदा वार्षिक रिपोर्ट से पता चलता है कि 2022-23 में निजी क्षेत्र की चूक कुल चूक का 83.17% थी। पांच वर्षों में 8.97% संचयी वृद्धि के बावजूद, कोविड-19 के तीन वर्षों में 5.57% की वृद्धि दर्ज की गई। ईपीएफओ तीन योजनाएं संचालित करता है, जिसमें प्रतिष्ठानों को कर्मचारियों के वेतन का 24% जमा करना होता है। रिपोर्ट में बकाया का एक बड़ा हिस्सा 'तुरंत वसूली योग्य नहीं' श्रेणी के अंतर्गत दर्शाया गया है।