"मेक इन इंडिया" पहल के तहत, 2014 और 2022 के बीच भारत में फोन शिपमेंट 2 बिलियन यूनिट से अधिक हो गया है। स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात को कम करने के उद्देश्य से इस पहल ने भारतीय मोबाइल फोन उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। सरकारी प्रोत्साहनों और पहलों के कारण मोबाइल फोन का स्थानीय उत्पादन बढ़ा, जिससे आयात और रोजगार सृजन पर निर्भरता कम हुई। यह पहल वैश्विक मोबाइल फोन निर्माताओं को भारत में उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने के लिए आकर्षित करने में सफल रही है, जिससे देश वैश्विक मोबाइल फोन विनिर्माण बाजार में एक प्रमुख खिलाड़ी बन गया है।