जैसा कि भारत 2024-25 के लिए अंतरिम बजट की उम्मीद कर रहा है, राजकोषीय अनुशासन और अंतरिम बजट से जुड़ी परंपराओं के पालन पर सरकार के रुख को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं। सरकार के अंदरूनी सूत्रों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के "शानदार घोषणाओं" को खारिज करने वाले बयान के अनुरूप लोकलुभावन खर्च पर राजकोषीय अनुशासन को प्राथमिकता देने का सुझाव दिया है। उम्मीद है कि अंतरिम बजट में वित्त वर्ष 2026 तक जीडीपी के 4.5% के राजकोषीय घाटे को लक्ष्य करते हुए, पोस्ट-कोविड राजकोषीय समेकन योजना को बनाए रखा जाएगा। चुनौतियों में वित्त वर्ष 2014 के 5.9% के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को पूरा करना, राहत उपायों के लिए संभावित नकद व्यय और विकास और राजस्व संग्रह को प्रभावित करने वाली वैश्विक अनिश्चितता का प्रबंधन करना शामिल है।