एसबीआई रिसर्च के अनुसार, औसत मध्यम वर्ग के भारतीय की भारित औसत आय वित्तीय वर्ष 2013 में 4.4 लाख रुपये से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2022 में 13 लाख रुपये हो गई। यह बदलाव निम्न-आय करदाताओं द्वारा उच्च आय वर्ग में जाने से प्रेरित था। रिपोर्ट में कहा गया है कि शून्य-कर देनदारी दाखिल करने वालों की संख्या 2012 में 84.1% से घटकर 2023 में 64% हो गई है। आयकर रिटर्न के आधार पर गणना की गई औसत आय, 2047 तक 13 लाख रुपये से बढ़कर 49.7 लाख रुपये होने का अनुमान है। कर दाखिल करने वालों में वृद्धि हुई और उच्च आय वर्ग की ओर रुझान बढ़ा। मध्यम वर्ग की ऊर्ध्वगामी आर्थिक गतिशीलता स्पष्ट है, 2011-12 और 2023 के बीच 13.6% उच्च आय समूहों में परिवर्तित हो रहे हैं।