भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अर्थशास्त्रियों द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि यदि 2023 में भारत के सभी राज्य पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) पर वापस लौट आते हैं, तो संचयी राजकोषीय बोझ राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के 4.5 गुना तक अधिक हो सकता है। (एनपीएस), जिसका अतिरिक्त बोझ 2060 तक सालाना सकल घरेलू उत्पाद का 0.9% तक पहुंच जाएगा। अध्ययन इस बात पर प्रकाश डालता है कि ओपीएस पर स्विच करने से राज्यों को अल्पकालिक बचत मिल सकती है, लेकिन ओपीएस का दीर्घकालिक बोझ इन लाभों से कहीं अधिक होगा। इससे राज्यों के लिए महत्वपूर्ण राजकोषीय जोखिम हो सकते हैं, जो श्रम बाजारों, बचत, निवेश और पूंजी बाजार के विकास को प्रभावित कर सकते हैं, साथ ही देश के व्यापक आर्थिक दृष्टिकोण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। आरबीआई पेंशन योजनाओं के संबंध में सावधानीपूर्वक विचार करने और वित्तीय सुधारों की आवश्यकता पर जोर देता है।