भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक निर्देश जारी कर ऋणदाताओं को ऋण भुगतान के 30 दिनों के भीतर उधारकर्ताओं को संपत्ति दस्तावेज जारी करने का निर्देश दिया है। इस कदम का उद्देश्य संपत्ति दस्तावेज़ पुनर्प्राप्ति की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज करना है, जिससे उधारकर्ताओं को अपने ऋणों का निपटान करने के बाद अपने आवश्यक दस्तावेजों तक त्वरित पहुंच प्रदान की जा सके। आरबीआई का निर्णय वित्तीय लेनदेन में आसानी बढ़ाने और बैंकिंग क्षेत्र के भीतर ग्राहक सेवा में सुधार करने की उसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इस निर्देश से संपत्ति के दस्तावेज़ प्राप्त करने से जुड़ी नौकरशाही बाधाओं को कम करने और आसान संपत्ति लेनदेन की सुविधा से उधारकर्ताओं को लाभ होने की उम्मीद है। यह भारत की वित्तीय और बैंकिंग प्रणालियों को सरल और आधुनिक बनाने के व्यापक प्रयासों के अनुरूप है, जिससे अंततः उधारदाताओं और उधारकर्ताओं दोनों को समान रूप से लाभ होता है।