भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अन्वेषण प्रयासों और सरकारी समर्थन से भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र में उल्लेखनीय उछाल देखने को मिल रहा है। सूर्य और चंद्रमा सहित खगोलीय पिंडों के लिए इसरो के ऐतिहासिक मिशनों और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में प्रगति के साथ, निजी खिलाड़ी देश के अंतरिक्ष प्रयासों में तेजी से योगदान दे रहे हैं। 1969 में स्थापित, इसरो ने रॉकेट, उपग्रह और अंतरिक्ष घटकों के निर्माण के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) और एंट्रिक्स कॉरपोरेशन जैसी सरकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं के साथ-साथ गोदरेज एयरोस्पेस, अनंत टेक्नोलॉजीज और लार्सन एंड टूब्रो जैसी निजी कंपनियों के साथ सहयोग किया है।