ईरान ने संयुक्त राष्ट्र को लिखे पत्र में इजरायल पर ड्रोन हमलों के बाद आत्मरक्षा के अपने अधिकार का दावा किया है। इसमें चेतावनी दी गई है कि अगर इजरायल ने आगे भी सैन्य आक्रमण किया तो वह और भी मजबूत और दृढ़ प्रतिक्रिया देगा। यह हमला इजरायल की बार-बार की सैन्य कार्रवाइयों, खास तौर पर 1 अप्रैल को ईरानी राजनयिक परिसर पर सशस्त्र हमले की प्रतिक्रिया थी, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए, जिनमें IRGC के उच्च पदस्थ सदस्य भी शामिल थे। ईरान ने इजरायल द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कानून के उल्लंघन का हवाला देते हुए संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा के रूप में अपने कार्यों को उचित ठहराया है।