कोटक इंस्टीट्यूशनल अध्ययन के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही के दौरान भारत के द्वितीयक बाजार में लगभग 2.4 बिलियन डॉलर मूल्य की इक्विटी हासिल की। एफपीआई ने पूंजीगत वस्तुओं और परिवहन शेयरों को बेचते हुए विविध वित्तीय, विद्युत उपयोगिताओं और आईटी सेवाओं में रुचि दिखाई। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने उसी तिमाही के दौरान इक्विटी में लगभग 5.1 बिलियन डॉलर की खरीदारी करके एफपीआई को पीछे छोड़ दिया। डीआईआई ने पूंजीगत वस्तुओं के शेयरों में हिस्सेदारी कम करते हुए बैंकों, उपभोक्ता वस्तुओं और आईटी सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया। अध्ययन से पता चला कि बीएसई-200 इंडेक्स में एफपीआई की हिस्सेदारी 21.4% है, जबकि डीआईआई ने अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 15.7% कर दी है।