भारतीय ओवरनाइट इंडेक्स्ड स्वैप (OIS) दरें भारतीय रिजर्व बैंक की हालिया नीति बैठक के बाद बढ़ी हैं, जो निवेशकों की 2024 की अंतिम तिमाही के बजाय 2025 की शुरुआत में ही दरों में कटौती की उम्मीद को दर्शाती है। OIS बाजार ब्याज दर की अपेक्षाओं को दर्शाते हैं, जिसमें उच्च दरें लंबे समय तक उच्च ब्याज दरों का संकेत देती हैं। RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने दरों को स्थिर रखा, मजबूत विकास पर ध्यान केंद्रित किया जबकि मुद्रास्फीति अपने 4 प्रतिशत लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है। बाजार की धारणा केंद्रीय बैंक की टिप्पणी को थोड़ा आक्रामक मानती है, जो संभवतः दरों में ढील देने में देरी कर सकती है। व्यापारियों का अनुमान है कि तरलता की स्थिति में ढील अनुमानों को पूरा नहीं कर सकती है, जिससे स्वैप दरों पर और असर पड़ सकता है।