भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के अडानी-हिंडनबर्ग रिसर्च विवाद पर किसी फैसले पर न पहुंच पाने को लेकर भारत में कांग्रेस पार्टी द्वारा चिंता जताई गई है। यह विवाद तब सामने आया जब हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर अपनी कंपनियों के मूल्य को बढ़ाने का आरोप लगाया। कांग्रेस पार्टी सेबी के फैसले में देरी पर चिंता व्यक्त करती है और बाजार संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई की मांग करती है। यह लेख भारत के वित्तीय क्षेत्र में नियामक प्रक्रियाओं और कॉर्पोरेट प्रशासन पर चल रही बहस पर प्रकाश डालता है।
कांग्रेस अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी के किसी निर्णय पर पहुंचने में असमर्थता को लेकर चिंतित है
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