गुजरात उच्च न्यायालय ने गोधरा के बाद हुए दंगों से जुड़े कथित सबूतों को गढ़ने और जालसाजी से जुड़े एक मामले में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर बाहर होने के कारण उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया गया था। अदालत ने कहा कि उसने दंगों के संबंध में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए झूठे दस्तावेज और मनगढ़ंत सबूत बनाए थे। तीस्ता सीतलवाड को सह-आरोपी पूर्व आईपीएस आरबी श्रीकुमार के साथ जून 2022 में गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में जाली कागजात और मनगढ़ंत सबूतों के आधार पर राज्य के शीर्ष पदाधिकारियों को निशाना बनाने वाली आपराधिक साजिश के आरोप शामिल थे।