2024 में भारत और अमेरिका सहित 60 से अधिक देशों में होने वाले चुनाव सिर्फ़ अव्यवस्थित घटनाएँ नहीं हैं, बल्कि वैज्ञानिक सिद्धांतों द्वारा संचालित हैं। प्राचीन एथेंस के यादृच्छिक चयन से लेकर फ़र्स्ट पास्ट द पोस्ट (FPTP) और रैंक-आधारित मतदान (RVS) जैसी आधुनिक मतदान प्रणालियों तक, गणित चुनावी प्रक्रियाओं का आधार है। कॉन्डोर्सेट और बोर्डा प्रणालियाँ FPTP के विकल्प प्रदान करती हैं, जिनका लक्ष्य अधिक प्रतिनिधि परिणाम प्राप्त करना है। हालाँकि, जटिलता और निष्पक्षता मानदंड जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं। दिलचस्प बात यह है कि भौतिकी के दृष्टिकोण चुनावी अराजकता के बीच सार्वभौमिक पैटर्न की तलाश करते हैं, जो चुनाव प्रक्रियाओं में निष्पक्षता की खोज को उजागर करते हैं। जैसे-जैसे लाखों लोग लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होते हैं, गणित और भौतिकी का मिश्रण दुनिया भर में निष्पक्ष चुनावों की उम्मीद जगाता है।
चुनावों के पीछे का विज्ञान: गणित, मतदान प्रणाली और निष्पक्षता
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