जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने हाल ही में हुए उपचुनावों में अपनी पार्टी की हार पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इसका कारण धन उगाही का घोटाला है। इस्तीफे की मांग के बावजूद, किशिदा ने पद छोड़ने के बजाय सुधारों के माध्यम से भ्रष्टाचार से निपटने का संकल्प लिया। सांसदों द्वारा कथित तौर पर मुनाफाखोरी से जुड़े इस घोटाले ने पार्टी की छवि को धूमिल किया है। हालांकि, यह हार किशिदा के लिए एक झटका है, लेकिन विपक्ष में बिखराव से पता चलता है कि सत्ता पर उनकी पार्टी की पकड़ अभी भी बनी हुई है। हालांकि, पार्टी के भीतर फिर से चुनाव लड़ने और गिरती हुई स्वीकृति रेटिंग से जूझने के कारण उनके सामने चुनौतियां हैं। किशिदा ने अचानक चुनाव की योजना से इनकार किया है, लेकिन घोटाले के चलते चल रहे नतीजों के कारण उन्हें दबाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 80 से अधिक सांसद शामिल हैं।
जापानी प्रधानमंत्री किशिदा ने चुनाव में हार के बाद भ्रष्टाचार विरोधी कदम उठाने का संकल्प लिया
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