सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे बढ़कर 83.39 पर पहुंच गया, जो घरेलू शेयरों में सकारात्मक रुझान से प्रेरित था। विदेशी मुद्रा व्यापारी इस तेजी का श्रेय अमेरिकी डॉलर और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देते हैं। रुपये में गिरावट आरबीआई के हस्तक्षेप से भी प्रभावित हो सकती है, क्योंकि लगातार कई हफ्तों तक वृद्धि के बाद विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। इसके बावजूद, कुल भंडार मजबूत बना हुआ है। विश्लेषकों को बाजार की उतार-चढ़ाव भरी गतिशीलता के बीच आरबीआई की सतर्कता जारी रहने की उम्मीद है, जबकि घरेलू इक्विटी और विदेशी निवेशक बाजार की धारणा को सकारात्मक रूप से आगे बढ़ा रहे हैं।
डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत, शेयर बाजारों से समर्थन मिला
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