दिल्ली उच्च न्यायालय ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) अधिनियम में मुनाफाखोरी विरोधी प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। हिंदुस्तान यूनिलीवर, पतंजलि आयुर्वेद, जुबिलेंट फूडवर्क्स और फिलिप्स इंडिया सहित 100 से अधिक कंपनियों ने इन प्रावधानों को चुनौती दी थी। अदालत ने जीएसटी अधिनियम की धारा 171 पर जोर दिया, जो कर कटौती के लाभों को संबंधित मूल्य कटौती के माध्यम से उपभोक्ताओं तक पहुंचाने का आदेश देती है। नवंबर 2017 में स्थापित राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) यह सुनिश्चित करता है कि कंपनियां इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) और जीएसटी कटौती का लाभ उपभोक्ताओं को हस्तांतरित करें।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने जीएसटी अधिनियम में मुनाफाखोरी विरोधी प्रावधानों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा
![](https://affairsace-media.s3.ap-south-1.amazonaws.com/2024/01/30152731/newindianexpress_2024-01_27e9242f-bc47-4709-86a8-fe7d957ad087_2024010431015581-ezgif.com-avif-to-jpg-converter-1.jpg)