दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 के सांप्रदायिक दंगों से जुड़े गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) मामले में आरोपी सलीम मलिक को जमानत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने हिंसक सार्वजनिक प्रदर्शन को विरोध के अधिकार से परे अपराध बताया, जो स्थानीय लोगों को धार्मिक आधार पर भड़काने में मलिक की कथित भूमिका को दर्शाता है। यह निर्णय मलिक को दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश में सह-साजिशकर्ता के रूप में अदालत के दृष्टिकोण को रेखांकित करता है।