अधिकारियों ने बताया कि पुराने आईटी अधिनियम को बदलने के लिए तैयार डिजिटल इंडिया बिल को 2024 के आम चुनाव तक स्थगन का सामना करना पड़ रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय बिल के महत्व पर जोर देते हुए देरी का कारण अपर्याप्त परामर्श का हवाला देता है। प्रस्तावित डिजिटल इंडिया एक्ट (डीआईए) का उद्देश्य एआई जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों को संबोधित करना और सोशल मीडिया पर एआई-संचालित डीपफेक दुरुपयोग का मुकाबला करना है, जो संभावित रूप से आईटी अधिनियम की धारा 79 के तहत प्लेटफॉर्म प्रतिरक्षा को रद्द कर रहा है। मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में पूर्व-मसौदा परामर्श के बावजूद, आगामी बजट सत्र में भी इसकी प्रस्तुति पर संदेह बना हुआ है। आईटी राज्य मंत्री राजीव चन्द्रशेखर भारत की बढ़ती ऑनलाइन आबादी के लिए सुरक्षित और भरोसेमंद इंटरनेट के महत्व को रेखांकित करते हैं।