जापानी वैज्ञानिकों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर बढ़ते चूहे के भ्रूण से पता चला है कि स्तनधारी अंतरिक्ष में पनपने में सक्षम हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने अगस्त 2021 में जमे हुए चूहे के भ्रूण को एक रॉकेट पर आईएसएस भेजा, जहां अंतरिक्ष यात्रियों ने उन्हें पिघलाया और चार दिनों तक बड़ा किया। भ्रूण सामान्य रूप से ब्लास्टोसिस्ट में विकसित हुए, जो कोशिकाएं हैं जो भ्रूण और प्लेसेंटा बन जाती हैं। वैज्ञानिक पत्रिका आईसाइंस में प्रकाशित अध्ययन से पता चला कि गुरुत्वाकर्षण का भ्रूण पर कोई महत्वपूर्ण प्रभाव नहीं पड़ा। इस शोध में अंतरिक्ष में प्रजनन और संभावित मानव उपनिवेशीकरण मिशनों को समझने के निहितार्थ हैं।