पाकिस्तान के सांस्कृतिक केंद्र लाहौर की चकाचौंध रोशनी के बीच, आस-पास के कस्बों के मतदाताओं में निराशा सामने आ रही है, जो अधूरे वादों से थक चुके हैं, या तो अपेक्षित विजेताओं की तुलना में इमरान खान के उम्मीदवारों, पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की ओर झुक रहे हैं। पंजाब के विकास बजट में लाहौर की अनुपातहीन हिस्सेदारी अन्य क्षेत्रों को उपेक्षित छोड़ देती है, जो घोर गरीबी असमानताओं को दर्शाती है। पीएमएल-एन के लंबे समय से प्रभुत्व के बावजूद, हालिया चुनाव से उनके समर्थन में गिरावट का पता चलता है, जिसका कारण शरीफ परिवार के शासन के प्रति अति आत्मविश्वास और असंतोष है। 1.6 बिलियन डॉलर की लागत वाली लाहौर मेट्रो उपेक्षित क्षेत्रों में बिगड़ते बुनियादी ढांचे, शिकायतों को बढ़ाने और लाहौर के ग्लैमर से परे राजनीतिक प्राथमिकताओं पर सवाल उठाने के विपरीत है।