वित्त वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट की सतत विकास और ऊर्जा परिवर्तन पर जोर देने के लिए सराहना की गई है। ऊर्जा परिवर्तन के लिए ₹35,000 करोड़ का आवंटन और 2030 तक 5 एमएमटी हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लक्ष्य को हरित विकास की दिशा में सकारात्मक कदम के रूप में देखा जाता है। बजट में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे के विकास और पूंजीगत व्यय पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ली-आयन बैटरी के निर्माण के लिए पूंजीगत वस्तुओं पर सीमा शुल्क हटाने से 'मेड इन इंडिया' उत्पादों और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। बजट में कौशल उन्नयन, रोजगार सृजन और डिजिटल क्षमताओं पर जोर को भारत की 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का मार्ग प्रशस्त करने के रूप में देखा जा रहा है।
बजट 2023 | उद्योग जगत ने बजट में हरित ऊर्जा, बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने की सराहना की
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