बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बिना किसी विशेष क़ानून या कानून के डिफॉल्ट उधारकर्ताओं के खिलाफ़ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी नहीं कर सकते, क्योंकि इसे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन माना जाता है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल और माधव जामदार की खंडपीठ द्वारा दिया गया न्यायालय का निर्णय इस तरह की कार्रवाइयों में कानूनी ढांचे के महत्व पर प्रकाश डालता है। यह फैसला वित्तीय संस्थानों द्वारा किए जाने वाले मनमाने उपायों के खिलाफ़ व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करने में एक महत्वपूर्ण विकास के रूप में आया है।