रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने घोषणा की है कि भारत 2025 के अंत तक यूरिया का आयात बंद करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। इस उपलब्धि का श्रेय घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और नैनो लिक्विड यूरिया और नैनो लिक्विड डाइ-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) जैसे वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए किए गए ठोस प्रयासों को जाता है। मंडाविया ने सरकार की रणनीति की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें बंद पड़े यूरिया संयंत्रों को पुनर्जीवित करना और घरेलू उत्पादन क्षमता बढ़ाना शामिल है। पारंपरिक यूरिया के उपयोग को नैनो लिक्विड यूरिया से बदलने के लक्ष्य के साथ, इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन और मांग के बीच के अंतर को पाटना है।