भारत के इक्विटी बाजार में FY23-24 में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जिसमें सेंसेक्स और निफ्टी 50 में क्रमशः 29% और 25% की वृद्धि हुई, जबकि BSE मिडकैप और स्मॉलकैप जैसे व्यापक सूचकांक और भी अधिक बढ़ गए। हालांकि, विशेषज्ञों को वैश्विक और स्थानीय अस्थिरता के कारण आगे की चुनौतियों का अनुमान है, जिससे वित्त वर्ष 2025 में बाजार की गति प्रभावित होगी। विपरीत हवाओं के बावजूद, अनिश्चितताएं बनी हुई हैं और मूल्यांकन उचित स्तर पर पहुंच गया है। विश्लेषक सावधानी से आशावादी रुख अपनाने की सलाह देते हैं और गिरावट पर खरीदारी की सलाह देते हैं। इस साल रियल्टी, ऑटो और पीएसयू शेयरों को फायदा हुआ, जिनमें से कुछ में 100% से अधिक की बढ़त देखी गई। जैसे-जैसे बाजार में उतार-चढ़ाव आता है, निवेशकों को संतुलित दृष्टिकोण की सलाह दी जाती है।
भारत के इक्विटी बाजार ने FY23-24 में शानदार प्रदर्शन दर्ज किया, आगे अनिश्चितता बनी हुई है
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