भारत ने मणिपुर की स्थिति के बारे में संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों की एक टीम द्वारा उठाई गई चिंताओं को खारिज कर दिया है और रिपोर्ट को "अनुचित, अनुमानपूर्ण और भ्रामक" बताया है। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने मणिपुर में मानवाधिकारों के उल्लंघन की रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की थी, खासकर मेइतेई और कुकी के बीच चल रहे संघर्ष के दौरान। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र कार्यालय में भारतीय स्थायी मिशन ने एक बयान जारी कर समाचार विज्ञप्ति को खारिज कर दिया और इस बात पर जोर दिया कि भारत मानवाधिकारों का सम्मान करते हुए अपने लोकतांत्रिक मानदंडों के अनुसार मणिपुर में स्थिति को संबोधित कर रहा है। भारत ने मणिपुर में स्थिति को शांतिपूर्ण और स्थिर बताया और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने भारत से जातीय-सांप्रदायिक हिंसा के पीड़ितों के लिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने और अपराधियों को जवाबदेह ठहराते हुए हिंसा के कृत्यों की जांच करने का आह्वान किया था।