भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान द्वारा जम्मू एवं कश्मीर का उल्लेख किये जाने को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि वह वैश्विक स्तर पर प्रायोजित आतंकवाद के कारण ''लाल रंग में डूबे'' देश पर ध्यान नहीं दे सकता। संयुक्त राष्ट्र जिनेवा मिशन में भारत की प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने पाकिस्तान और तुर्किये को जवाब देते हुए उनसे अपने आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने से परहेज करने का आग्रह किया। भारत ने इस बात पर जोर दिया कि जम्मू-कश्मीर में संवैधानिक उपाय आंतरिक मामले हैं, और निराशाजनक मानवाधिकार रिकॉर्ड वाले पाकिस्तान के पास भारत के मामलों पर बोलने की कोई हैसियत नहीं है। जवाब में पाकिस्तान में अल्पसंख्यक उत्पीड़न की घटनाओं पर प्रकाश डाला गया।
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर पर पाकिस्तान की टिप्पणी को खारिज कर दिया, आतंकवाद प्रायोजन पर प्रकाश डाला
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