भारतीय अमेरिकी सांसदों ने भारत को उपदेश देने के बजाय मानवाधिकारों के बारे में बातचीत में शामिल करने पर जोर दिया। कांग्रेस सदस्य रो खन्ना ने भारत के औपनिवेशिक इतिहास के कारण व्याख्यान दिए जाने के प्रति संवेदनशीलता को उजागर किया, लोकतांत्रिक खामियों पर आपसी चर्चा की वकालत की। देसी डिसाइड्स समिट में श्री थानेदार, प्रमिला जयपाल और डॉ. अमी बेरा के साथ शामिल हुए खन्ना ने रचनात्मक दृष्टिकोण के महत्व पर जोर दिया। बेरा ने भारत के लिए अपनी धर्मनिरपेक्ष पहचान और लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। जयपाल ने इन भावनाओं को दोहराया, अमेरिका-भारत साझेदारी को महत्व देते हुए मानवाधिकारों को संबोधित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।