मद्रास उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया है कि केंद्र द्वारा गहन जांच के बिना गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत बैंक खातों को फ्रीज नहीं किया जा सकता है। अदालत ने केंद्र को ऐसी कार्रवाई करने से पहले फ्रीज किए गए खातों और प्रतिबंधित संगठनों के बीच एक स्पष्ट संबंध स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। यह फैसला प्रतिबंधित संगठन, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को सहायता देने के संदेह में तमिलनाडु डेवलपमेंट फाउंडेशन ट्रस्ट के बचत बैंक खाते को फ्रीज करने से जुड़े एक मामले की प्रतिक्रिया में आया है।