रिलायंस रिटेल ने अपने मेट्रो कैश एंड कैरी स्टोर्स को सभी ग्राहकों के लिए सुलभ बना दिया है, जो बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) ग्राहकों की सेवा पर अपने पिछले फोकस से एक बदलाव है। एक भारतीय इकाई के रूप में, रिलायंस प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों को दरकिनार कर देता है जो विदेशी कंपनियों को भारत में बी2बी बिक्री तक सीमित करता है। यह कदम रिलायंस की "न्यू कॉमर्स" रणनीति के अनुरूप है, जिसका लक्ष्य किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान जैसी श्रेणियों में छोटे स्टोरों को थोक में उत्पादों की आपूर्ति करना है। कंपनी की योजना अधिक मात्रा में खरीदारी, थोक पैक और थोक विकल्पों पर छूट देने की है। द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, विस्तार कुछ वर्षों तक मेट्रो ब्रांड नाम को बरकरार रखेगा।