कोच्चि में 'डीटेककॉन 2024' में विशेषज्ञों ने मधुमेह प्रबंधन में सही इंजेक्शन तकनीक के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. बंशी साबू ने कहा कि इंजेक्शन में त्रुटियाँ 25-30% मामलों में अनियंत्रित मधुमेह का कारण बनती हैं। डॉ. ज्योतिदेव केशवदेव ने इंजेक्शन त्रुटियों की पहचान करने और उन्हें सुधारने के लिए प्रौद्योगिकी या ऐप के विकास का प्रस्ताव रखा, जिससे संभावित रूप से ग्लूकोज नियंत्रण में सुधार हो सके। मधुमेह देखभाल में विभिन्न तकनीकी प्रगति पर सत्रों की विशेषता वाले इस सम्मेलन ने पेशेवरों को सहयोग करने और अभिनव समाधान तलाशने के लिए एक मंच प्रदान किया।
विशेषज्ञों ने मधुमेह इंजेक्शन तकनीक को बेहतर बनाने में प्रौद्योगिकी की भूमिका पर जोर दिया
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