संयुक्त राष्ट्र के एक तथ्य-खोज मिशन ने मानवाधिकार परिषद को एक रिपोर्ट सौंपी, जिसमें महसा अमिनी की मौत और उसके बाद अनिवार्य हिजाब कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर हिंसक कार्रवाई के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया गया। रिपोर्ट में ईरानी सुरक्षा बलों पर अनावश्यक घातक बल लगाने का आरोप लगाया गया है, जिसके कारण 500 से अधिक मौतें हुईं और 22,000 लोगों को हिरासत में लिया गया। अमिनी की मौत ने देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिसमें सत्तारूढ़ धर्मतंत्र के खिलाफ नारे लगाए गए। रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न सहित बंदियों पर की गई शारीरिक हिंसा का विवरण दिया गया है, और अमिनी की मौत के लिए ईरान की जिम्मेदारी से इनकार को खारिज कर दिया गया है। यह प्रदर्शनकारियों को जानबूझकर पहुंचाई गई चोटों के भयावह प्रभाव और इसी तरह की घटनाओं की चल रही जांच पर भी प्रकाश डालता है।