घरेलू शेयर बाजारों में मजबूत धारणा और विदेशों में प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की कमजोरी के कारण भारतीय रुपया शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 9 पैसे बढ़कर 83.37 पर पहुंच गया। विदेशी फंड के बाहर जाने और कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बावजूद रुपया मजबूत बना रहा। डॉलर में गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व के अपनी प्रमुख ब्याज दर को बनाए रखने के फैसले और मुद्रास्फीति के अपने लक्ष्य तक पहुंचने की चिंताओं से प्रभावित थी। बाजार का ध्यान अमेरिकी गैर-कृषि पेरोल डेटा और अन्य आर्थिक संकेतकों पर चला गया। भारत के विनिर्माण पीएमआई में अप्रैल में थोड़ी गिरावट आई, फिर भी मजबूत मांग का संकेत मिला। डॉलर इंडेक्स गिरकर 105.13 पर आ गया, जबकि ब्रेंट क्रूड वायदा बढ़कर 83.97 डॉलर प्रति बैरल हो गया। इक्विटी मार्केट में बीएसई सेंसेक्स 463.87 अंक चढ़ा और एनएसई निफ्टी 136.65 अंक चढ़ा।