नोएडा निवासी ध्रुव एक परिष्कृत निवेश घोटाले का शिकार हो गया, जिसमें उसे 6 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। "सुअर काटने" के नाम से मशहूर यह घोटाला भावनात्मक हेरफेर और उच्च रिटर्न के वादों पर आधारित है। स्नेहा जैसे घोटालेबाज पीड़ितों से दोस्ती करते हैं, धीरे-धीरे उनका विश्वास जीतते हैं और फिर उन्हें निवेश के लिए राजी करते हैं। ध्रुव के 'पोर्टफोलियो' में शुरू में मुनाफा दिखाया गया, लेकिन जल्द ही वह डूब गया, जिससे वह वित्तीय रूप से बर्बाद हो गया। ये घोटाले आम धोखाधड़ी से अलग हैं, जिसमें पीड़ितों को धोखा देने के लिए लंबे समय तक व्यक्तिगत रणनीति का इस्तेमाल किया जाता है। टेलीग्राम और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आम शिकारगाह हैं।
"सुअर काटने" के निवेश घोटालों से सावधान रहें
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