एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने आधार-आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) श्रमिकों को अपनी भुगतान विधि चुनने की अनुमति देने का निर्देश देने का आग्रह किया है। सिस्टम में जटिलताओं और त्रुटियों का हवाला देते हुए एडीआर का तर्क है कि पंजीकृत मनरेगा श्रमिकों में से 34.8% एबीपीएस के लिए अयोग्य हैं। याचिका में एबीपीएस को अनिवार्य करने वाले सरकार के 30 जनवरी, 2023 के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है, जिसमें श्रमिकों को उनके वैधानिक अधिकारों से संभावित बहिष्करण पर जोर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, यह अदालत से जॉब कार्ड विलोपन की समीक्षा करने और लंबित वेतन संकट का समाधान करने का आग्रह करता है।