सर्वोच्च न्यायालय ने भारत के चुनाव आयोग को उन निर्वाचन क्षेत्रों में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग करने वाली याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया है, जहां NOTA (इनमें से कोई नहीं) को सबसे अधिक वोट मिले हैं। लेखक शिव खेड़ा द्वारा प्रस्तुत याचिका में चुनाव आयोग से ऐसे नियम बनाने का आग्रह किया गया है, जिसके तहत NOTA से कम वोट पाने वाले उम्मीदवारों को पांच साल तक चुनाव लड़ने से रोका जा सके। हालाँकि NOTA को 2013 में EVM में पेश किया गया था, लेकिन इसका क्रियान्वयन राज्यों में अलग-अलग है। महाराष्ट्र, हरियाणा, दिल्ली और पुडुचेरी NOTA को "काल्पनिक चुनावी उम्मीदवार" मानते हैं, अगर यह सबसे अधिक वोट प्राप्त करता है तो नए चुनाव शुरू हो जाते हैं। याचिका में इन नियमों को पूरे देश में समान रूप से लागू करने की मांग की गई है, जिसमें कहा गया है कि अगर दूसरे स्थान पर रहने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित कर दिया जाता है तो NOTA का उद्देश्य विफल हो जाता है।